डेंगू एवं चिकनगुनिया नियंत्रण को लेकर सिविल सर्जन ने की पदाधिकारियों और कर्मियों के साथ बैठक 

 
- सिविल सर्जन कार्यालय परिसर स्थित सभागार हाॅल में बैठक का आयोजन 
- स्वास्थ्य विभाग के अलावा आईसीडीएस, शिक्षा, पीएचईडी समेत अन्य विभागों सहित डब्ल्यूएचओ, केयर इंडिया समेत अन्य सहयोगी स्वास्थ्य संगठन के प्रतिनिधि और कर्मी हुए शामिल 
 
शेखपुरा, 19 अक्टूबर। बुधवार को सिविल सर्जन डाॅ पृथ्वीराज ने अपने कार्यालय परिसर स्थित सभागार हाॅल में डेंगू एवं चिकनगुनिया नियंत्रण को विभिन्न विभागों के पदाधिकारियों और कर्मियों के साथ एक विशेष बैठक की। जिसमें स्वास्थ्य विभाग के अलावा आईसीडीएस, शिक्षा, पीएचईडी सहित अन्य विभागों के साथ-साथ डब्ल्यूएचओ, केयर इंडिया समेत अन्य सहयोगी स्वास्थ्य संगठन के पदाधिकारी और कर्मी और जनप्रतिनिधि शामिल हुए। बैठक में मौजूद जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ अशोक कुमार सिंह ने कहा, पूरे प्रदेश में डेंगू एवं चिकनगुनिया के  मामले  सामने आ रहे हैं। किन्तु, हमारे यहाँ अबतक एक भी संक्रमित मरीज नहीं मिले हैं, जो बेहद सुखद खबर है। किन्तु, स्थिति सामान्य बनाएं रखने के लिए सतर्क और सावधान रहने की जरूरत है। इसलिए, सतर्कता और सावधानी बनाएं रखें और डेंगू से बचाव के लिए साफ-सफाई, जलजमाव नहीं होने देने, मच्छरदानी का उपयोग करने समेत बचाव का अन्य आवश्यक और जरूरी प्रयास जारी रखें। इसके अलावा लक्षण महसूस होने पर तुरंत जाँच कराने की भी जरूरत है। ताकि शुरुआती दौर में ही बीमारी की पहचान हो सके और आसानी से बीमारी को मात दी जा सके। साथ ही इस बीमारी से बचाव के लिए जागरूकता भी जरूरी है। इस मौके पर डीपीएम श्याम कुमार निर्मल, भीडीसीओ श्याम सुंदर कुमार, जिला एकाउंट मैनेजर समंथ कुमार झा, केयर इंडिया के डीटीएल अभिनव कुमार, भीबीडीएस मनोज कुमार साह, अभिषेक कुमार, विनोद कुमार आदि मौजूद थे। 
 
- एडीज  मच्छर काटने से होता है डेंगू और चिकनगुनिया : 
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ अशोक कुमार सिंह ने बताया, डेंगू और चिकनगुनिया बीमारी एडीज  मच्छर काटने से होता है। इसलिए, अगर आप दिन में भी सोते हैं तो अनिवार्य रूप से मच्छरदानी लगाएं। पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें। घर एवं सभी कमरे को साफ-सुथरा एवं हवादार बनाए  रखें। साथ ही आसपास भी साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखें। इसके लिए अपने पड़ोस में रहने वाले अन्य लोगों को भी जागरूक करें। ताकि इस बीमारी के दायरे से सामुदायिक स्तर पर लोग दूर रहें। वहीं, उन्होंने बताया, इस बीमारी से बचाव के लिए रहन-सहन में बदलाव के साथ-साथ साफ-सफाई पर भी विशेष ध्यान देने की दरकार है। दरअसल, डेंगू  व चिकनगुनिया के शुरुआती लक्षण बुखार से ही शुरू होते हैं। जिसके कारण लोगों को बीमारी की पहचान करने में काफी परेशानी होती है। इसलिए, लक्षण दिखते ही तुरंत नजदीकी अस्पताल में जाँच कराने की जरूरत है।
 
- लक्षण दिखते ही तुरंत कराएं इलाज, अस्पतालों में समुचित व्यवस्था है उपलब्ध :
लक्षण दिखते ही ऐसे मरीजों को तुरंत जाँच करानी चाहिए। जाँच रिपोर्ट के अनुसार इलाज करानी चाहिए। ताकि बड़ी परेशानियाँ का सामना नहीं करना पड़े और समय पर इलाज शुरू हो सके। इलाज के लिए सरकारी अस्पतालों में समुचित व्यवस्था उपलब्ध है। यह बीमारी संक्रमित एडीज  मच्छर के काटने से होता है, जो स्थिर साफ पानी में पनपता है। इसलिए, घर समेत आसपास में जलजमाव नहीं होने दें। जलजमाव होने पर उसे यथाशीघ्र वैकल्पिक व्यवस्था कर हटायें और पानी जमा होने वाले जगहों पर किरासन तेल या कीटनाशक दवाई का छिड़काव करें।
 
- डेंगू और चिकनगुनिया के लक्षण :
- तेज बुखार, बदन, सर एवं जोड़ों में दर्द तथा ऑखों के पीछे दर्द होना 
- त्वचा पर लाल धब्बे या चकते का निशान 
- जी मचलना या उल्टी लगना 
 
- बचाव के उपाय : 
- दिन में भी सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल करें।
- पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें अथवा मच्छर भगाने वाली दवा/क्रीम का उपयोग करें।
- टूटे-फूटे बर्तनों, कूलर, एसी/फ्रिज के पानी निकासी ट्रे, पानी टंकी, गमला, फूलदान, घर के अंदर एवं आसपास पानी नहीं जमने दें।
- जमे हुए पानी पर मिट्टी का तेल डालें अथवा कीटनाशक दवाओं का छिड़काव करें।

रिपोर्टर

  • Ajay Kumar
    Ajay Kumar

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