नाइट ब्लड सर्वे में जिलेवासियों ने दिखाया उत्साह, पहले दिन 742 सैंपल का संग्रह

  

-सभी प्रखंड में दो-दो साइट बनाए गए हैं, एक साइट पर 300 लोगों की जांच का है लक्ष्य

-शाम साढ़े आठ से रात 12 बजे तक 20 साल से अधिक उम्र के लोगों की हो रही जांच


बांका-


 राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन के तहत जिले में नाइट ब्लड सर्वे का काम सोमवार से शुरू हो गया। जिलाधिकारी अंशुल कुमार ने शहरी क्षेत्र के वार्ड नंबर 24 के विजयनगर स्थित सेंटिनेल साइट से इसका शुभारंभ किया। अन्य प्रखंडों में प्रखंड विकास पदाधिकारी या फिर जनप्रतिनिधियों ने इस कार्यक्रम का उद्घाटन किया। अच्छी बात यह रही कि पहले दिन काफी संख्या में जिले के लोग सैंपल देने के लिए सामने आए। इस वजह से 742 सैंपल का संग्रह किया गया। उद्घाटन के दौरान एसीएमओ डॉ. अभय प्रकाश चौधरी, डीभीबीडीसीओ डॉ. बीरेंद्र कुमार यादव, डीआईओ डॉ. योगेंद्र प्रसाद मंडल, डीपीएम प्रभात कुमार राजू, वीडीसीओ आरिफ इकबाल, केयर इंडिया के डीटीएल तौसीफ कमर, डीपीओ ओमप्रकाश नायक, यूएनडीपी के भीसीसीएम अमित कुमार व लैब टेक्नीशियन परवेज आलम समेत अन्य स्वास्थ्य पदाधिकारी एवं कर्मी मौजूद थे।

वेक्टर रोग नियंत्रण पदाधिकारी आरिफ इकबाल ने बताया कि नाइट ब्लड सर्वे को लेकर जिलेवासियों का उत्साह काफी सकारात्मक है। पहले ही दिन इतनी बड़ी संख्या में लोगों के आने से लग रहा है कि हमलोग 15 नवंबर तक लक्ष्य को हासिल कर पूरी रिपोर्ट सौंप देंगे। उन्होंने बताया कि सभी प्रखंड में दो-दो साइट बनाए गए हैं। एक सेंटिनल तो दूसरा रेंडम साइट। एक साइट पर नाइट ब्लड सर्वे के तहत 300 लोगों की जांच की जाएगी। नाइट ब्लड सर्वे शाम साढ़े आठ बजे से रात के 12 बजे तक किया जा रहा है। इस दौरान 20 साल से अधिक उम्र के लोगों के सैंपल लेकर जांच की जा रही है। इस काम में स्वास्थ्यकर्मियों के साथ-साथ स्थानीय जनप्रतिनिधि भी सहयोग कर रहे हैं। 

रात में सैपल लेने से आती है सही रिपोर्टः डीभीबीडीसीओ डॉ. बीरेंद्र कुमार यादव ने बताया कि नाइट ब्लड सर्वे के तहत फाइलेरिया प्रभावित क्षेत्रों की पहचान कर वहां रात में लोगों के रक्त के नमूने लिये जाते हैं। इसे प्रयोगशाला भेजा जाता है और रक्त में फाइलेरिया के परजीवी की मौजूदगी का पता लगाया जाता है। फाइलेरिया के  परजीवी रात में ही सक्रिय होते हैं, इसलिए नाइट ब्लड सर्वे से सही रिपोर्ट पता चल पाता है। इससे फाइलेरिया के संभावित मरीज का समुचित इलाज किया जाता है। 

जिले के इन प्रखंडों के इस-इस गांवों में बनाए गए हैं साइट: अमरपुर प्रखंड के कठेल गांव में सेंटिनेल साइट तो वासुदेवपुर में रेंडम साइट, बांका सदर प्रखंड के चक्काडीह गांव में सेंटिनेल साइट तो खावा-कुरुमातंड में रेंडम साइट, बाराहाट प्रखंड के चिहार गांव में सेंटिनेल साइट तो केनुआटिकार में रेंडम साइट, बेलहर प्रखंड के बारा गांव में सेंटिनेल साइट तो अमहरा में रेंडम साइट, चांदन प्रखंड के चांदन गांव में सेंटिनेल साइट तो बेहरवारी में रेंडम साइट, धोरैया प्रखंड के धोरैया गांव में सेंटिनेल साइट तो भटुआचक में रेंडम साइट, कटोरिया प्रखंड के नारायणपुर में सेंटिनेल साइट तो थाना रोड कटोरिया में रेंडम साइट, रजौन प्रखंड के लाहोरिया में सेंटिनेल साइट तो ओरहरा में रेंडम साइट, बौंसी प्रखंड के गोकुला में सेंटिनेल साइट तो सिरई में रेंडम साइट, शंभूगंज प्रखंड के प्रतापपुर में सेंटिनेल साइट तो भलुआ में रेंडम साइट, फुल्लीडुमार प्रखंड के गोल मैदान राटा में सेंटिनेल साइट तो टक्कीपुर में रेंडम साइट और बांका शहरी क्षेत्र में विजय नगर वार्ड 24 में सेंटिनेल साइट तो करहरिया वार्ड नंबर 10 में रेंडम साइट बनाए गए हैं।


रिपोर्टर

  • Ajay Kumar
    Ajay Kumar

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