फाइलेरिया उन्मूलन • एमडीए अभियान की सफलता को लेकर स्कूली बच्चों को किया गया जागरूक

 

-- पेशेंट सपोर्ट नेटवर्क ग्रुप से फाइलेरिया उन्मूलन में मिलेगा सहयोग 


- पाँच फाइलेरिया संक्रमित मरीजों को दवाई के साथ दी गई जरूरी चिकित्सा परामर्श 

- परबत्ता के मध्य विद्यालय कन्हैयाचक के बच्चों को किया गया जागरूक 


खगड़िया, 18 नवंबर-


 फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर जिले भर में शुरू होने वाले एमडीए अभियान की सफलता को लेकर स्वास्थ्य विभाग अभी से आवश्यक और जरूरी तैयारी में जुट गया है। ताकि  इस  अभियान की जानकारी सामुदायिक स्तर पर पहुँच सके और अभियान का सफल संचालन सुनिश्चित हो सके। इसी कड़ी में मध्य विद्यालय कन्हैयाचक उत्तर (परबत्ता) के स्कूली बच्चों को जागरूक किया गया। इस  दौरान फाइलेरिया के कारण, लक्षण, बचाव एवं उपचार की जानकारी दी गई और  एमडीए अभियान के दौरान अपने-अपने माता-पिता को फाइलेरिया से बचाव के लिए  अल्बेंडाजोल और और डीईसी की दवा का सेवन करने के लिए प्रेरित किया गया। इसके बाद फाइलेरिया से संक्रमित 04 महिला और 01 पुरुष मरीजों को परबत्ता सीएचसी द्वारा दवाई उपलब्ध करायी  गयी । इस मौके पर परबत्ता सीएचसी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डाॅ राजीव रंजन, भीबीडीएस मनीष कुमार, संबंधित विद्यालय के एच एम ललन कुमार, सीफार के प्रखंड समन्वयक प्रदीप कुमार समेत स्कूली बच्चे और अन्य लोग मौजूद थे। 


- दवाई के साथ मरीजों को आवश्यक चिकित्सा परामर्श भी दिया गया  : 

परबत्ता सीएचसी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डाॅ राजीव रंजन ने बताया, सभी मरीजों को दवाई के साथ फाइलेरिया से बचाव से संबंधित आवश्यक और जरूरी जानकारी भी दी गई। जिसमें संक्रमित मरीजों को किन-किन बातों का ख्याल रखते हुए इलाज कराना है,फाइलेरिया से बचाव के लिए क्या-क्या सावधानी बरतनी है, इसके कारण और लक्षण समेत अन्य जरूरी जानकारी दी गई। इसके अलावा प्रदत्त दवाई के  उचित इस्तेमाल की भी जानकारी दी गई। वहीं, उन्होंने बताया, फाइलेरिया एक गंभीर बीमारी है, जो क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है। इसका कोई पर्याप्त इलाज संभव नहीं है। लेकिन, इसे शुरुआत में ही पहचान करते हुए रोका जा सकता है। इसके लिए संक्रमित व्यक्ति को फाइलेरिया ग्रसित अंगों को पूरी तरह स्वच्छ पानी से साफ करना चाहिए। साथ ही सरकार द्वारा उपलब्ध कराई जा रही डीईसी व अल्बेंडाजोल की दवा का नियमित सेवन करना चाहिए। वहीं, उन्होंने कहा, फाइलेरिया मुख्यतः मनुष्य के शरीर के चार अंगों को प्रभावित करता है। जिसमें पैर, हाथ, हाइड्रोसील एवं महिलाओं का स्तन शामिल हैं । हाइड्रोसील के अलावा फाइलेरिया से प्रभावित अन्य अंगों को ऑपरेशन द्वारा ठीक नहीं किया जा सकता है। संक्रमित व्यक्ति को समान्य उपचार के लिए किट उपलब्ध कराई जाती है, जबकि हाइड्रोसील फाइलेरिया संक्रमित व्यक्ति को मुफ्त ऑपरेशन की सुविधा मुहैया कराई जाती है।

- पेशेंट सपोर्ट नेटवर्क ग्रुप से फाइलेरिया उन्मूलन में मिलेगा सहयोग : 

भीबीडीएस मनीष कुमार ने बताया, फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर पेशेंट सपोर्ट नेटवर्क ग्रुप बनाया जा रहा है। जिसमें संक्रमित मरीजों को शामिल कर उन्हें इलाज समेत अन्य आवश्यक और जरूरी जानकारी देकर जागरूक किया जा रहा और सामुदायिक स्तर पर लोगों को फाइलेरिया से बचाव के लिए जागरूक भी किया जा रहा है। इस ग्रुप का जिले में शुरू होने वाले एमडीए अभियान में भी सहयोग लिया जाएगा। 

 


- फाइलेरिया से प्रभावित अंग का विशेष देखभाल और साफ-सफाई जरूरी :  

भीबीडीएस मनीष कुमार ने बताया, फाइलेरिया से प्रभावित अंग का विशेष देखभाल और साफ-सफाई का ख्याल रखना बेहद जरूरी है। फाइलेरिया संक्रमित होने पर व्यक्ति को हर महीने एक-एक सप्ताह तक तेज बुखार, पैरों में दर्द, जलन, के साथ बेचैनी होने लगती है। एक्यूट अटैक के समय मरीज को पैर को साधारण पानी में डुबाकर रखना चाहिए या भीगे हुए धोती या साड़ी को पैर में अच्छी तरह लपेटना चाहिए। 


- फाइलेरिया क्या है ? 

- फाइलेरिया मच्छर के काटने से होने वाला एक संक्रामक रोग है।

- किसी भी उम्र के व्यक्ति फाइलेरिया से संक्रमित हो सकता है।

- फाइलेरिया के लक्षण हाथ और पैर में सूजन (हाँथीपाँव) व हाईड्रोसील  (अण्डकोष में सूजन) है। 

- किसी भी व्यक्ति को संक्रमण के पश्चात बीमारी होने में 05 से 15 वर्ष लग सकते हैं। 


- फाइलेरिया से बचाव के उपाय : 

- सोने के समय मच्छरदानी का निश्चित रूप से प्रयोग करें।

- घर के आसपास गंदा पानी जमा नहीं होने दें।

- एल्बेंडाजोल व डीईसी दवा का निश्चित रूप से सेवन करें। 

- साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखें।

रिपोर्टर

  • Dr. Rajesh Kumar
    Dr. Rajesh Kumar

    The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News

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