मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना • खगड़िया के हृदयरोग से पीड़ित आयुष कुमार को इलाज के लिए भेजा गया अहमदाबाद



- आयुष का निःशुल्क होगा समुचित इलाज और मुफ्त ही मिलेगी सभी सुविधाएं

- आयुष के पिता छोड़ चुके थे इलाज की उम्मीद, अब जगी उम्मीद की नई किरण

- आरबीएसके टीम की पहल पर अभिभावक संग बच्चे को भेजा गया अस्पताल


खगड़िया, 19 नवंबर 


 लोगों को बेहतर और समुचित स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्ध कराने को लेकर जहाँ सरकार पूरी तरह गंभीर है वहीं, स्वास्थ्य विभाग भी पूरी तरह सजग और कटिबद्ध है। जिसे सार्थक  बनाने के लिए आरबीएसके टीम द्वारा हृदयरोग से पीड़ित बच्चे की पहचान कर समुचित स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं । इसी कड़ी में आरबीएसके की टीम ने खगड़िया के दुर्गापुर निवासी हृदय रोग से पीड़ित शिवेन्दु कुमार के  10 वर्षीय पुत्र आयुष कुमार की खोज की, जिसे समुचित इलाज के लिए अहमदाबाद रवाना किया गया। सिविल सर्जन डाॅ अमरनाथ झा ने सदर अस्पताल परिसर से  एम्बुलेंस को हरी  झंडी दिखाकर पटना के लिए रवाना किया। पटना से हवाई जहाज से आयुष को उनके अभिभावक  के साथ अहमदाबाद के लिए रवाना किया गया। आयुष के माता-पिता समेत परिवार के अन्य सदस्य उसके  समुचित इलाज और स्वस्थ्य होने की उम्मीद छोड़ चुके थे। किन्तु, अब आयुष का सरकार के सहयोग एवं स्थानीय स्वास्थ्य विभाग की पहल पर मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना से समुचित इलाज होगा। इस मौके पर आरबीएसके कंसल्टेंट डाॅ प्रशांत कुमार, डीपीएम (हेल्थ) पवन कुमार आदि मौजूद थे। 


- आयुष को सभी सुविधाएं मिलेंगी मुफ्त, परिजनों को नहीं उठाना पड़ेगा खर्च : 

सिविल सर्जन डॉ अमरनाथ झा ने बताया, आयुष को आने-जाने समेत सभी सुविधाएं यानी समुचित इलाज की सुविधाएं पूरी तरह मुफ्त मिलेंगी । इस दौरान उनके परिजनों को किसी प्रकार का खर्च नहीं उठाना पड़ेगा। इलाज समेत आने-जाने का खर्च भी सरकारी स्तर से ही वहन किया जाएगा। 


- आयुष का निःशुल्क होगा समुचित इलाज : 

आरबीएसके कंसल्टेंट डाॅ प्रशांत कुमार ने बताया, हृदय रोग से पीड़ित आयुष का निःशुल्क समुचित इलाज होगा। आयुष के साथ-साथ उनके अभिभावकों का भी खर्च सरकार द्वारा ही वहन किया जाएगा। वहीं, उन्होंने बताया, जन्म से ही हृदय रोग से पीड़ित बच्चे को साँस लेने में परेशानी होती है। हमेशा सर्दी-खांसी रहती है। चेहरे, हाथ, होंठ नीला पड़ने लगता है। जिसके कारण गंभीर होने पर बच्चों के दिल में छेद हो जाता है। ऐसे बच्चों का आरबीएसके (राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम) द्वारा इलाज कराया जाता है। 


- छोड़ चुके थे इलाज की उम्मीद, अब जगी उम्मीद की नई किरण : 

आयुष के पिता शिवेन्दु कुमार ने बताया, मैं तो अपने बच्चे के   समुचित और स्थाई इलाज की उम्मीद ही छोड़ चुका  था । क्योंकि, ना ही स्थानीय स्तर पर समुचित इलाज की व्यवस्था उपलब्ध थी और ना ही बाहर में इलाज कराने के लिए पर्याप्त पैसा था। किन्तु, इसी बीच जब स्थानीय स्वास्थ्य विभाग द्वारा समुचित इलाज, वो भी पूरी तरह मुफ्त होने की जानकारी मिली कि पूरे परिवार में उम्मीद की नई किरण जग गई। इसके लिए मैं स्थानीय स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ सरकार का ताउम्र ऋणी रहूँगा। वहीं, उन्होंने इलाज की समुचित व्यवस्था उपलब्ध कराने के लिए स्थानीय स्वास्थ्य विभाग एवं सरकार का आभार जताते हुए धन्यवाद दिया है।

रिपोर्टर

  • Aishwarya Sinha
    Aishwarya Sinha

    The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News

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