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-मंगलवार को पहले ही दिन कैंसर के एक मरीज की हुई पहचान
-चिह्नित मरीज का सरकार की तरफ से कराया जाएगा इलाज
बांका, 22 नवंबर-
बांका सदर अस्पताल में मरीजों के लिए लगातार सुविधाएं बढ़ रही हैं। मिशन-60 डेज के तहत अस्पताल का कायाकल्प तो ही गया है, अब कैंसर जैसी गंभीर बीमारी की भी जांच शुरू हो गई। डॉ. प्रीति सागर ने योगदान भी दे दिया है। इससे जिले के गरीब लोगों को बड़ी राहत पहुंचने की उम्मीद है। पहले ही दिन कैंसर के एक मरीज की पहचान की गई। चिह्नित मरीज को सभी सुविधाओं के बारे में बता दिया गया है। दो-तीन दिनों के अंदर ही इस मरीज का इलाज शुरू कर दिया जाएगा।
डॉ. प्रीति सागर ने बताया कि दो दिनों में लगभग 50 मरीजों की जांच की गई। इनमें महिलाएं भी शामिल थीं। उन्होंने कहा कि होमी जहांगीर भाभा अनुसधान केंद्र और राज्य स्वास्थ्य समिति में एक समझौता हुआ है, जिसके तहत ऑरल, ब्रेस्ट और सर्वाइकल कैंसर के मरीजों की निःशुल्क जांच की जाएगी। जांच में अगर कैंसर की पुष्टि हो जाती है तो उसका इलाज पटना के आईजीआईएमएस और एनएमसीएच और मुजफ्फरपुर के टाटा मेमोरियाल कैंसर अस्पताल में से किसी एक जगह किया जाएगा। इलाज में मरीजों को सरकारी सहायता मिलेगी। उन्हें नाममात्र का चार्ज ही लगेगा और हमलोग लगातार मरीजों का फॉलोअप करते रहेंगे।
जांच के लिए मशीन भी जल्द आएगीः अस्पताल प्रबंधक अमरेश कुमार ने बताया कि सदर अस्पताल में कैंसर मरीजों की जांच सोमवार को शुरू हो गई। पहले दिन जांच में एक मरीज चिह्नित हुए हैं। अब उनके इलाज की व्यवस्था की जाएगी। कैंसर मरीजों की जांच के लिए अभी फिलहाल एक डॉक्टर की प्रतिनियुक्ति की गई है। डॉ. प्रीति सागर ने सोमवार को ही योगदान दे दिया था और मंगलवार से उन्होंने अपना काम भी शुरू कर दिया। वह सुबह नौ से शाम पांच बजे तक अस्पताल में रहेंगी। जल्द ही यहां पर अन्य डॉक्टर और टेक्नीकल स्टाफ आ जाएंगे। इससे टीम बड़ी हो जाएगी और बड़े पैमाने पर लोगों की जांच यहां पर हो सकेगी। जल्द ही जांच के लिए मशीन भी आ जाएगी।
शुरुआत में पहचान हो जाने से इलाज हो सकेगा संभवः एसीएमओ डॉ. अभय प्रकाश चौधरी ने बताया कि बांका में कैंसर की जांच की सुविधा शुरू होने से जिले के गरीब मरीजों को फायदा पहुंचेगा। जिले के वैसे गरीब मरीज जो कि पैसे के अभाव में इलाज कराने के लिए बाहर जाने में सक्षम नहीं हैं, उनकी यहां पर जांच हो सकेगी और अगर जांच में पुष्टि हो जाती है तो उनके इलाज की व्यवस्था की जाएगी। अभी भी हमारे समाज में बहुत सारे ऐसे लोग हैं जो निजी अस्पताल में पैसे खर्च कर इलाज कराने में सक्षम नहीं हैं, उन्हें फायदा होगा। साथ ही समय पर कैंसर की पहचान हो जाने से उसका इलाज भी हो सकेगा। हम सभी जानते हैं कि अगर शुरुआत में कैंसर की पहचान हो जाती तो वह ठीक हो जाता है। देरी होने पर मामला ज्यादा गंभीर हो जाता है। फिर जान बचाने पर भी आफत आ जाती है। बांका सदर अस्पताल में कैंसर मरीजों की जांच शुरू होने से इन परिस्थितियों के आने से बचा जा सकेगा।
रिपोर्टर
The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News
Dr. Rajesh Kumar