राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम-गांव- गांव जाकर खोजे जा रहे हैं टीबी के मरीज



- जिला भर के आंगनबाड़ी केन्द्र से लेकर विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों पर शिविर लगाकर हो रही है टीबी की जांच 


मुंगेर, 24 नवंबर-


  केंद्र सरकार ने वर्ष 2025 तक पूरे देश से टीबी की बीमारी के  उन्मूलन का लक्ष्य रखा है। राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन अभियान के तहत जिला भर में सघन अभियान चलाकर टीबी के मरीज खोजे जा रहे हैं। इस अभियान के तहत स्वास्थ्य कर्मी घर-घर जाकर टीबी मरीजों की खोज कर रहे हैं। इसके साथ ही जिला भर के विभिन्न आंगनबाड़ी केंद्रों व स्वास्थ्य केंद्रों पर स्वास्थ्य शिविर आयोजित कर संभावित रोगियों की जांच की जा रही है।


जिला संचारी रोग पदाधिकारी (सीडीओ) डॉ ध्रुव कुमार शाह ने बताया कि मुंगेर को टीबी मुक्त बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग की पूरी टीम प्रतिबद्ध है। राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के तहत समुदाय स्तर पर लगातार अभियान चलाया जा रहा है। ईंट भट्ठों, झुग्गी- झोपड़ियों, महादलित टोलों, सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों सहित अन्य जगहों पर जांच शिविर लगाकर टीबी मरीजों की खोज की जा रही है।


टीबी उन्मूलन के लिए जिला में लगातार हो रहे हैं जरूरी प्रयास : 

उन्होंने बताया कि टीबी मरीजों की पहचान से लेकर निःशुल्क दवा वितरण एवं निक्षय योजना के तहत मरीजों को मिलने वाले लाभ को सुनिश्चित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि सीने में दर्द होना, चक्कर आना, दो सप्ताह से ज्यादा खांसी या बुखार आना, खांसी के साथ मुंह से खून आना,  भूख में कमी  और वजन कम होना आदि लक्षण यदि किसी में है तो टीबी की जांच जरूर कराएं। 


जिला यक्ष्मा केंद्र सहित अन्य स्वास्थ्य केंद्रों पर जांच और इलाज की नि:शुल्क सुविधा है उपलब्ध : 

जिला टीबी/एचआईवी समन्वयक शैलेंदु कुमार ने बताया कि जिला यक्ष्मा केंद्र सहित जिला भर के विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों पर टीबी के मरीजों की जांच और इलाज की नि:शुल्क सुविधा उपलब्ध है। इसके साथ ही टीबी की दवा भी मुफ्त दी जाती है। स्वास्थ्य केंद्रों पर बलगम की जांच माइक्रोस्कोप एवंटूनेट सीबीनेट मशीन द्वारा निःशुल्क की जाती है। मरीजों की जांच के उपरांत टीबी की पुष्टि होने पर पूरा इलाज उनके घर पर ही डॉट प्रोवाइडर के माध्यम से निःशुल्क की जाती है। नये रोगी चिह्नित  होने पर उनके पारिवारिक सदस्यों को भी टीबी  प्रीवेंटिव ट्रीटमेंट दिया जाता है। ताकि परिवार के अन्य सदस्यों में यह बीमारी नहीं फैले। उन्होंने बताया कि टीबी एक संक्रामक बीमारी है। इसे जड़ से मिटाने के लिए हम सभी को इसके खिलाफ लड़ाई लड़ने की जरूरत है।


टीबी मरीजों के संबंध में बरतें  गोपनीयता : 

उन्होंने बताया कि टीबी मरीजों से संबंधित जानकारी को गोपनीय बनाये रखना जरूरी है। उनकी तस्वीर व नाम किसी भी रूप में  सार्वजनिक नहीं किया जाना चाहिये। उन्होंने बताया कि एचआईवी मरीजों को टीबी का व टीबी मरीजों को एचआईवी का खतरा अधिक होता है। दोनों ही रोग से बचाव के लिये जन जागरूकता बेहद जरूरी है। उन्होंने बताया कि टीबी मरीजों में एचआईवी संक्रमण की पुष्टि होने पर पहले दो महीने तक टीबी की दवा खिलाया जाना जरूरी है। इसके बाद उन्हें एंटी् रेट्रो वायरल थेरेपी सेंटर रेफर किये जाने का प्रावधान है। 


टीबी संक्रमित मरीज़ों के लिए स्वास्थ्य विभाग की योजनाएं है वरदान : 

जिला यक्ष्मा केंद्र मुंगेर में कार्यरत जिला कार्यक्रम समन्वयक सुमित सागर ने बताया कि टीबी जैसी बीमारियों से लड़ने एवं बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न तरह के कार्यक्रमों का अहम योगदान है। अमीर हो या गरीब, हर तरह के रोगियों के लिए सरकार की ओर से निःशुल्क दवा तो मिलती ही है। इसके साथ ही साथ पौष्टिक आहार खाने के लिए पैसा भी मिलता है। यह योजना टीबी संक्रमित मरीज़ों के लिए वरदान साबित हो रही  है। इसीलिए लोगों को टीबी जैसे संक्रमण से डरने  की नहीं बल्कि लड़ने की जरूरत है। सरकार की ओर से मरीज़ों को मिलने वाली योजनाओं का लाभ उठाकर टीबी जैसी बीमारी से पूरी तरह से ठीक हुआ जा सकता है।

रिपोर्टर

  • Aishwarya Sinha
    Aishwarya Sinha

    The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News

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