शाह की कड़ी चेतावनी का नतीजा, मणिपुर में बरामद हुए 144 हथियार

 

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह जादुई शक्ति वाले व्यक्ति हैं। उनके पास चीजों को पलटने और हर समस्या का समाधान निकालने की अलौकिक क्षमता है। मणिपुर में स्थिति की गंभीरता को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने सबसे भरोसेमंद साथी को युद्धरत समुदायों के साथ मध्यस्थता करने और हिंसा प्रभावित राज्य में शांति एवं स्थिरता को बढ़ावा देने की जिम्मेदारी दी। उन्होंने यह काम किया, संभवतः केवल वही कर सकते हैं। इन कठिन परिस्थितियों में शाह उम्मीद की एक किरण हैं।

शाह ने  संकटग्रस्त राज्य के चार दिवसीय दौरे की शुरुआत की और बाद के दिनों में उन्होंने युद्धरत समूहों, नागरिक समाज, प्रशासन और सभी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित लोगों के साथ विचार-विमर्श किया। मामले को नियंत्रण में लाने के लिए शाह ने हथियार रखने वाले उग्रवादियों को चेतावनी दी, जिसमें उन्हें बिना देरी के पुलिस के सामने हथियार सरेंडर करने या कड़ी कार्रवाई का सामना करने के लिए कहा गया।

अपने दौरे के अंतिम दिन यानि गुरुवार को शाह ने कहा, 'हथियार रखने वालों को पुलिस के सामने आत्मसमर्पण करना चाहिए।  तलाशी अभियान कल से शुरू होगा और अगर किसी के पास हथियार पाए जाते हैं तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।’

 

चेतावनी ने एक चमत्कार के रूप में काम किया और तुरंत परिणाम देना शुरू कर दिया। शाह की चेतावनी के कुछ ही घंटों के भीतर करीब 150 हथियार सरेंडर कर दिए गए। अतीत में शाह के इस तरह के कृत्यों के उदाहरण प्रचुर मात्रा में हैं।

 

पूरे प्रकरण में शाह की नेतृत्व क्षमता और उनके प्रशासनिक कौशल की छाप साफ तौर पर दिखाई पड़ती है। शायद ही कोई ऐसा नेता या व्यक्ति हो जो उनकी तरह अतीत में ऐसी किसी समस्या का हल निकाला हो। वे कठिन-से-कठिन समस्याओं का सरल समाधान खोज लेते हैं। हथियारों की बरामदगी भी उस विश्वास को दर्शाती है जो युद्धरत समूह मास्टरमाइंड पर रखते हैं। दोनों पक्षों के प्रतिनिधियों ने अपने विचारों को बदल कर शाह पर भरोसा दिखाया।

 

इस पूरे प्रकरण में शाह ने न केवल एक सख्त प्रशासक के रूप में कार्य किया, बल्कि उनका नरम पक्ष भी सामने आया। शाह ने आजीविका और सुरक्षा के बारे में भी चिंता जताई। छात्रों की मदद के लिए उचित कदम उठाए जाएंगे। मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा। विशेष चिकित्सा अधिकारी हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में चिकित्सा सुविधाएँ सुनिश्चित करेंगे।

शाह पहले ही सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक जाँच समिति के गठन की घोषणा कर चुके हैं। मणिपुर में हिंसा के मामलों की जाँच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की एक विशेष टीम को सौंपा जाएगा। राज्यपाल की अध्यक्षता में एक शांति समिति का भी गठन किया जाएगा। जाँच बिना किसी पूर्वाग्रह और भेदभाव के की जाएगी। दोषियों को सजा दी जाएगी। किसी को कोई संदेह नहीं होना चाहिए कि मणिपुर जल्द ही फिर से शांति और समृद्धि के पथ पर अग्रसर होगा।

 

रिपोर्टर

  • Aishwarya Sinha
    Aishwarya Sinha

    The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News

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