आंगनबाड़ी सेविका द्वारा घर घर जाकर दूध का किया जा रहा वितरण

आंगनबाड़ी सेविका द्वारा घर घर जाकर दूध का किया जा रहा वितरण
 
- माता पिता को कुपोषण के प्रति कर रही जागरूक
- पोषण माह के तहत लोगों को किया जा रहा जागरूक
- बच्चों के बेहतर विकास के लिए सही पोषण जरूरी
 
 बांका, 5 सितंबर
 
सही पोषण हर किसी के लिए जरूरी होता है. बच्चों के लिए पोषण का महत्व और बढ़ जाता है. इसी को देखते हुए कोरोना काल में भी बच्चों के पोषण पर पूरा ध्यान दिया जा रहा है. घर- घर जाकर आंगनबाड़ी सेविकाओं द्वारा सुधा दूध के पैकेट का वितरण किया जा रहा है.
आईसीडीएस की डीपीओ रिफत अंसारी ने बताया, कोरोना काल में भी बच्चों के बेहतर पोषण पर ध्यान दिया जा रहा है. कोरोना संक्रमण के कारण आंगनबाड़ी केंद्र बंद होने से सेविका द्वारा घर- घर जाकर सुधा दूध पाउडर का वितरण किया जा रहा है. दूध पाउडर में मौजूद पोषक तत्व बच्चों को कुपोषण मुक्त एवं सेहतमंद बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहा है. बच्चों के पोषण स्तर में सुधार लाने के लिए दूध का वितरण किया जा रहा है.
 
सही पोषण मिलने से बच्चों की बढ़ती है प्रतिरोधक क्षमता: डीपीओ रिफत अंसारी ने बताया, बच्चों को सही तरीके से पोषण मिलने से उसका ठीक तरीके से विकास होता है. साथ ही उसमें बीमारियों से लड़ने के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता भी विकसित होती है इससे बच्चे का स्वास्थ्य बेहतर रहता है इसलिए बच्चों के लिए सही पोषण जरूरी है.
 
कुपोषण की दर में कमी लाने के लिए उठाया गया है यह कदम: डीपीओ रिफत अंसारी ने बताया, ग्रामीण इलाकों में कुपोषण की दर में कमी लाने के लिए 03 से छह साल के बच्चों को 200 ग्राम दूध देने का प्रावधान है. बच्चों में प्रोटीन की कमी को दूर करने के लिए इस कार्यक्रम की शुरुआत की गई है. आंगनबाड़ी सेविका प्रत्येक बच्चे को 18 ग्राम दूध पाउडर 150 मिलीलीटर शुद्व पेयजल में घोलकर पिला रही हैं.
 
स्वस्थ शरीर में ही होता है स्वस्थ मस्तिष्क का निवास: डीपीओ रिफत अंसारी ने बताया स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का निवास होता है, इसीलिए बेहतर समाज के निर्माण के लिए यह आवश्यक है कि हमारी इस पीढ़ी को अच्छा पोषण मिले और वह सुरक्षित रहे. सभी माताओं का यह दायित्व है कि बच्चों में कुपोषण की समस्या को दूर करने के लिए साफ सफाई बरती जाए, नियमित रूप से खाने से पहले व खाने के बाद अच्छी तरह से हाथ धोया जाए, शौचालय करने के बाद हाथ पैर धोया जाय. कुपोषण की समस्या तभी दूर हो सकती है जब बच्चों को स्वच्छता के बारे में बताया जाएगा.
 
पोषण माह के तहत लोगों को किया जा रहा जागरूक: डीपीओ रिफत अंसारी ने बताया सितंबर माह को पोषण माह के रूप में मनाया जा रहा है. इस दौरान पोषण के प्रति बच्चों के माता-पिता व परिजनों को जागरूक किया जायेगा. साथ ही पोषण के सभी सेवाओं को समुदायस्तर तक पहुँचाया जाएगा. इस दौरान घर- घर जाकर बच्चे के माता- पिता को पोषण के बारे में जानकारी दी जाएगी एवं बच्चों को पौष्टिक आहार देने के लिए प्रेरित किया जाएगा. पोषण अभियान का मुख्य उद्देश्य एनीमिया, बौनापन एवं दुबलापन में कमी लाना है. इस लिहाज से पूरे माह एनीमिया, बौनापन एवं दुबलापन से ग्रसित बच्चों को चिन्हित कर उन्हें पोषण सुविधा प्रदान की जाएगी

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