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- स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ और सुविधाजनक बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग है लगातार प्रयासरत
- एंबुलेंस सेवा की होगी ऑनलाइन मॉनिटरिंग
- मुंगेर जिला में अभी कार्यरत हैं कुल 23 एंबुलेंस, 7 एंबुलेंस है ऑफ रोड
मुंगेर-
स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ और सुविधाजनक बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग लगातार प्रयासरत है । अब जिला के सभी नागरिकों को नि:शुल्क एंबुलेंस की सेवा उपलब्ध कराई जा रही है। राज्य स्वास्थ्य समिति द्वारा बिहार चिकित्सा सेवाएं एवं आधारभूत संरचना निगम लिमिटेड के माध्यम से 1000 नए एंबुलेंस का क्रय किया गया है। इनमें 534 एडवांस लाइफ सपोर्ट सिस्टम एवं 466 बेसिक लाइफ सपोर्ट सिस्टम से लैस एंबुलेंस का क्रय किया गया है। प्रथम चरण में मुंगेर जिला को 10 एंबुलेंस आवंटित किये गए हैं। इनमें 5 एडवांस लाइफ सपोर्ट एवं 5 बेसिक लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस हैं। इसके साथ - साथ जिलाधिकारी नवीन कुमार के द्वारा 10 और एंबुलेंस की मांग की गई है।
अब एंबुलेंस सेवा की होगी ऑनलाइन मॉनिटरिंग :
एंबुलेंस सेवा 102 को ऑनलाइन लाइव भी किया जा रहा है। मरीजों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए एक नया मोबाइल एप लॉन्च किया गया है। जिसके तहत राष्ट्रीय 102 एंबुलेंस सेवा की निगरानी की जायेगी। इस एप्लीकेशन से अधिकारी एम्बुलेंस की रियल टाइम ट्रैकिंग भी कर सकेंगे । 102 एंबुलेंस अब आसानी से हर किसी के लिए सुलभ होगी। लाइव लोकेशन ट्रेस करने के लिए इन्हें मोबाइल एप से जोड़ा जा रहा है। इसके माध्यम से पल-पल की जानकारी कंट्रोल रूम के साथ ही एंबुलेंस के लिए कॉल करने वालों को मिलती रहेगी ।
एंबुलेंस की लाइव लोकेशन रहेगी उपलब्ध :
जिला स्वास्थ्य समिति मुंगेर के जिला कार्यक्रम प्रबंधक नसीम रजी ने बताया कि जैसे ही कोई मरीज या उनके परिजन 102 एंबुलेंस के लिए कॉल करेगा, संबंधित लोगों के पास मैसेज चला जाएगा। इसमें चालक, टेक्नीशियन के मोबाइल नंबर, एंबुलेंस के नंबर लिंक होंगे। इस लिंक को खोलने पर एंबुलेंस की लाइव लोकेशन मिलती रहेगी। टेक्नीशियन को भी मरीज के पास पहुंचने पर संबंधित जानकारी एप पर डालनी होगी। इसके साथ ही मरीज को किस अस्पताल में ले जा रहे हैं, यह भी विवरण दर्ज कराना होगा। एंबुलेंस में पहले से जीपीएस लगा है। इस मोबाइल एप से निगरानी बेहतर हो जाएगी।
कई समस्याओं का होगा निवारण :
उन्होंने बताया कि कई बार एंबुलेंस मरीज तक नहीं पहुंच पाती है, जिससे मरीज को समय से इलाज नहीं मिल पाता । ऐसे में मरीज या तीमारदार को बार- बार फोन करना पड़ता , लेकिन फोन रिसीव करने वाला व्यक्ति भी उन्हें एंबुलेंस की सही लोकेशन नहीं बता पाता था। अब एप की सुविधा शुरू होने के बाद यह समस्या खत्म हो गयी है।
एंबुलेंस सेवा की गुणवत्ता में सुधार लाने का प्रयास :
उन्होंने बताया कि पहले एईएस, वरिष्ठ नागरिकों, प्रसव पीड़ा के दौरान गर्भवती महिलाओं को, प्राइमरी हेल्थ होल्ड, कालाजार और परिवार नियोजन के लिए ही नि:शुल्क एम्बुलेंस की सेवा उपलब्ध थी, लेकिन यह महसूस किया गया कि इन रोगों के अलावा कई अन्य रोगों में भी आपातकाल परिस्थिति में अस्पताल तक पहुंचने के लिए एंबुलेंस की जरूरत होती है। इसे ध्यान में रखते हुए वर्तमान समय में सभी श्रेणी के गंभीर बीमारियों से पीडि़त रोगियों के लिए एम्बुलेंस अस्पताल तक उपलब्ध है। विभाग का प्रयास है कि एम्बुलेंस सेवा की गुणवत्ता को सुदृढ़ कर आपातकाल परिस्थिति में मरीजों को अस्पताल तक पहुंचाया जाए।
जिला भर में अभी कार्यरत हैं कुल 23 एंबुलेंस :
जिला स्वास्थ्य समिति मुंगेर में कार्यरत हीना नाज ने बताया कि जिला के विभिन्न प्रखंडों में कार्यरत सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में कुल 30 एंबुलेस आवंटित हैं । इसके अनुसार असरगंज में 2, टेटियाबंबर में 1, जमालपुर 2, धरहरा में 2, अनुमंडलीय अस्पताल तारापुर में 4, संग्रामपुर में 3, बरियारपुर में 2, हवेली खड़गपुर में 4 और सदर अस्पताल मुंगेर में 10 सहित कुल 30 एंबुलेंस आवंटित हैं । इनमें से अभी 7 एंबुलेंस ऑफ रोड और कुल 23 एंबुलेंस कार्यरत हैं ।
रिपोर्टर
The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News
Aishwarya Sinha