टीबी होने पर घबराएं नहीं,,, बेहिचक जाँच और इलाज कराएं-सोनी कुमारी 

 
-गृह भ्रमण के दौरान खाँसी से पीड़ित मिली युवती सोनी की आशा ने सदर अस्पताल में करवाई जाँच, टीबी संक्रमण की हुई पुष्टि 
 
- सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में उपलब्ध सुविधाओं के भरोसे टीबी बीमारी को दी मात 
- खगड़िया के रांको पंचायत के आवास बोर्ड, वार्ड संख्या - 02 निवासी 22 वर्षीया सोनी कुमारी ने कहा - समय पर जाँच और इलाज से स्थाई निजात संभव 
 
खगड़िया, 17 नवंबर। टीबी उन्मूलन को लेकर सरकार एवं स्वास्थ्य विभाग काफी गंभीर है।  इसे सुनिश्चित करने को लेकर सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में उपलब्ध सुविधाओं को सुदृढ़ और मजबूत बनाया जा रहा है। ताकि मरीजों को बेहतर से बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराई जा सके और मरीज आसानी से स्वस्थ हो सके। इसके अलावा स्वास्थ्य कर्मी द्वारा भी लगातार मरीजों की पहचान कर इलाज कराने के लिए जागरूक और प्रेरित  किया जा रहा है। खगड़िया सदर प्रखंड के रांको पंचायत के आवास बोर्ड (वार्ड संख्या - 02) की आशा कार्यकर्ता निभा कुमारी को गृह भ्रमण के दौरान एक युवती मिली, जो कई दिनों से खाँसी से काफी परेशान थी।  खाँसी से परेशान सोनी कुमारी (22), पिता - ललन यादव को आशा कार्यकर्ता ने जाँच कराने की सलाह दी। जिसके बाद सोनी तैयार हुई और आशा कार्यकर्ता के साथ जाँच कराने के लिए सदर अस्पताल गई। जहाँ टीबी संक्रमण की पुष्टि हुई। जिसके बाद सरकारी अस्पताल में ही इलाज शुरू हुआ ।  वह सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में उपलब्ध सुविधाओं के भरोसे टीबी बीमारी को मात देने में सफल रही ।  आज वह पूरी तरह स्वस्थ है और अन्य लोगों की तरह सामान्य जिंदगी जी रही  । 
 
- सामान्य खाँसी समझकर ग्रामीण चिकित्सकों से करा रही थी इलाज : 
टीबी को मात देने वाली सोनी कुमारी ने बताया, मैं खाँसी से पीड़ित होने पर सामान्य खाँसी समझकर ग्रामीण चिकित्सकों से इलाज करा रही थी। इस दौरान एक माह से अधिक समय बीत गया। किन्तु, परेशानी कम होने के बजाय और बढ़ती  ही गयी । इसी दौरान क्षेत्र की आशा दीदी मेरे घर आई थी, जिन्होंने  मुझे जाँच कराने की सलाह दी। जिसके बाद आशा दीदी के ही सहयोग से सदर अस्पताल में जाँच कराई। जाँच में टीबी की पुष्टि होने के बाद नियमानुसार छः माह तक सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में ही इलाज कराई और आज मैं पूरी तरह स्वस्थ हूँ।   अच्छी तरह पढ़ाई और अन्य घरेलू कार्य कर रही हूँ। जाँच से लेकर इलाज के दौरान आशा दीदी का काफी सहयोग रहा और इसी के सहयोग से मैं आज स्वस्थ हूँ। 
 
- समय पर जाँच और इलाज से स्थाई निजात संभव : 
सोनी कुमारी ने बताया, टीबी अब लाइलाज नहीं है। किन्तु, समय पर जाँच और इलाज जरूरी है। दरअसल, समय पर जाँच और इलाज कराने से आसानी के साथ इस बीमारी को मात दी जा सकती है। इसलिए, मैं अन्य से लोगों से भी कहती हूँ कि टीबी होने पर घबराएं नहीं। बल्कि, बेहिचक जाँच और इलाज कराएं। सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में समुचित जाँच से लेकर इलाज तक की पूरी व्यवस्था  निःशुल्क है। इलाज के दौरान मरीजों को आर्थिक सहायता भी दी जाती है। वहीं, उन्होंने कहा, मैं अन्य लोगों से यह भी अपील करती हूँ कि बीमारी से घृणा करें, बीमार  से नहीं। मसलन, संक्रमित मरीजों को इलाज कराने में सहयोग करें, ना कि मरीजों के साथ भेदभाव करें।

रिपोर्टर

  • Dr. Rajesh Kumar
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