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सदर अस्पताल सभागार में शिक्षा विभाग के अधिकारियों का किया गया उन्मुखीकरण
सिविल सर्जन, जिला शिक्षा पदाधिकारी और जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी ने दिए टिप्स
भागलपुर, 19 नवंबर
जिले में एनीमिया मुक्त भारत अभियान को तेज किया जाएगा। जिले में यह अभियान 2019 में शुरू हुआ है। बीच में कोरोना के कारण इसकी गति पर असर पड़ गया था, लेकिन अब जब कोरोना के मामले नियंत्रण में आ गए हैं तो इस अभियान को जिले में एक बार फिर से तेज किया जाएगा। इसे लेकर शनिवार को सदर अस्पताल में स्वास्थ्य विभाग और केयर इंडिया की तरफ से एक दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें सिविल सर्जन डॉ. उमेश कुमार शर्मा, जिला शिक्षा पदाधिकारी डॉ. संजय कुमार, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. मनोज कुमार चौधरी, डीपीएम फैजान आलम अशर्फी, डीसीएम भरत कुमार, जफरूल इस्लाम, केयर इंडिया की डीटीओ डॉ. सुपर्णा टाट और डॉ. असद जावेद मौजूद थे। कार्यक्रम में शिक्षा विभाग के प्रखंड स्तर के अधिकारी समेत कई लोग शामिल हुए। शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ आगामी कार्यक्रम की जानकारी सभी ने साझा की।
कार्यक्रम को सफल बनाने में शिक्षा की भूमिका महत्वपूर्णः मौके पर मौजूद सिविल सर्जन डॉ. उमेश कुमार शर्मा ने कहा कि बच्चों में एनीमिया एक गंभीर समस्या है। आमतौर पर लंबे समय तक बहुत कम आयरन के सेवन और तेजी से शारीरिक विकास के कारण बच्चे एनीमिया की चपेट में आ जाते हैं। इस कारण बच्चों के शारीरिक, मानसिक एवं तार्किक क्षमता पर प्रतिकूल असर पड़ता है। बच्चों की शैक्षणिक उपलब्धता और कौशल भी एनीमिया के कारण प्रभावित होते हैं। इसलिए एनीमिया मुक्त भारत कार्यक्रम को जिले में फिर से शुरू किया जाएगा। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में शिक्षा विभाग के अधिकारियों की भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण रहेगी। इसलिए इसमें आपलोग बढ़-चढ़कर अपनी भूमिका निभाएं।
सुनिश्चित करें कि कोई बच्चा नहीं छूटेः मौके पर मौजूद जिला शिक्षा पदाधिकारी डॉ. संजय कुमार ने कहा कि इस कार्यक्रम के तहत छह माह के बच्चे से लेकर 19 साल के युवाओं तक को दवा खिलानी है। इस कार्यक्रम के तहत सबसे अधिक लाभार्थी स्कूलों में ही है। लाभुकों की बड़ी संख्या स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे या फिर बच्चियां हैं। इसलिए आपलोगों से आग्रह है कि इस कार्यक्रम को सफल बनाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं। स्कूल आने वाले एक-एक बच्चे के बारे में सुनिश्चित करें कि कोई भी दवा लेने से छूट नहीं जाए।
स्कूलों में प्रत्येक बुधवार को होगा संचालनः जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. मनोज कुमार चौधरी ने कहा कि इस कार्य़क्रम के तहत छह से नौ आयुवर्ग के बच्चों को सप्ताह में एक बार प्रत्येक बुधवार को एक गुलाबी गोली का सेवन एमडीएम के बाद कराने का प्रावधान है। इसी तरह 10 से 19 आयुवर्ग के किशोरों एवं युवाओं को प्रत्येक बुधवार को एक नीली गोली टिफिन के बाद दी जाएगी। बुधवार को अगर कोई बच्चा छूट जाता है तो उसे गुरुवार को स्कूलों में दवा दी जाएगी।
रिपोर्टर
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Aishwarya Sinha